Last Updated on December 20, 2018 by admin
दिल्ली यूनिवर्सिटी बड़े बदलाव की योजना बना रही है। हो सकता है कि अगले साल से डीयू में दाखिले के लिए 12वीं के मार्क्स का कोई खास महत्व नहीं रह जाए।
हाइलाइट्स
* 2019-20 शैक्षिक सत्र से सभी अंडरग्रैजुएट कोर्सों के लिए प्रवेश परीक्षा की उम्मीद ।
* 12वीं के अंकों के लिए एक वेटेज निर्धारित किया जा सकता है ।
* पिछले साल भी इस संभावना पर विचार-विमर्श हुआ था लेकिन फैकल्टी मेंबर्स थे खिलाफ ।
* परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को मिल सकती है ।
अगले साल 2019-20 शैक्षिक सत्र से दिल्ली यूनिवर्सिटी के ऐडमिशन सिस्टम में बड़ा बदलाव हो सकता है।
डीयू अगले साल से सभी अंडरग्रैजुएट कोर्सों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देने पर गौर कर रही है। अब सिर्फ 12वीं का मार्क्स ही आपको डीयू में ऐडमिशन की गारंटी नहीं हो सकता, 12वीं क्लास के मार्क्स के लिए एक वेटेज निर्धारित कर दिया जाएगा । ऐसा माना जा रहा है कि डीयू 2019 के ऐडमिशन सीजन से इसे लागू करने पर विचार कर रही है।
एनटीए को मिल सकती है जिम्मेदारी
इस मामले पर डीयू की दाखिला कमिटी ने पिछले साल भी विचार-विमर्श किया था लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। योजना को उस समय ठंडे बस्ते में डालने की एक वजह यह थी कि एक तरफ प्रवेश परीक्षा के आयोजन को लेकर कई तरह की समस्याएं थीं तो दूसरी ओर दाखिला कमिटी के फैकल्टी मेंबर्स ने भी इसका विरोध किया था।
मौजूदा सिस्टम
मौजूदा समय में डीयू के अधिकांश अंडरग्रैजुएट कोर्सों में दाखिला 12वीं के अंकों के आधार पर होता है। हर साल 4-5 कट ऑफ लिस्ट निकलती है और फिर उसके आधार पर छात्रों को दाखिला मिलता है। सिर्फ अंडरग्रैजुएट के नौ और पोस्टग्रैजुएट प्रोग्रामों के लिए डीयू में कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है।